शुक्रवार, 18 जून 2010

चाय पीने से गठिया का खतरा बढ़ता है

चाय के शौकीनों के लिए यह एक बुरी खबर हो सकती है। एक नए अध्ययन में पता चला है कि चाय पीने से गठिया का खतरा बढ़ता है।

शोधकर्ताओं ने 76 हजार से भी ज्यादा महिलाओं पर किए अध्ययन के बाद यह निष्कर्ष निकाला है। अध्ययन में पाया गया कि जिन महिलाओं को चाय पीने की आदत थी, उनमें गठिया का खतरा बढ़ गया, जबकि कॉफी या दूसरे पेय पदार्थो का सेवन करने वाली महिलाओं में गठिए का असर नहीं देखा गया। शोधकर्ताओं के अनुसार दिन भर में चससर कप से ज्यादा चाय पीने वालों में गठिए का खतरा 78 फीसदी तक बढ़ गया।

हालांकि, ऎसा नहीं है कि ज्यादा पीना ही सेहत के लिए खतरनाक हो। शोधकर्ताओं के अनुसार कम चाय पीने वालों को गठिए का खतरा होता है। अध्ययन के दौरान पाया गया कि जिन लोगों ने 4 कप से कम चाय पी, उनमें भी आमलोगों (जो चाय नहीं पीते)के मुकाबले गठिए का खतरा 40 फीसदी तक अधिक रहता है। अमरीका की जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के प्रोफेसर क्रिस्टोफर कॉलिंस के अनुसार अध्ययन से प्राप्त नतीजों ने उन्हें अचरज में डाल दिया है।

कॉलिंग ने बताया कि "हमने यह पता लगाने के लिए अध्ययन किया था कि क्या चाय या कॉफी या दूसरे पेय पदार्थो का गठिए से कोई संबंध है। लेकिन अध्ययन से जो नतीजें आए हैं, वो चौंकाने वाले हैं।" शोधकर्ता के अनुसार "चाय और कॉफी के सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में कभी इस तरह से हमने नहीं सोचा था। हमें लगता था कि चाय अथवा कॉफी का सेहत पर पड़ने वाला असर लगभग एकजैसा ही होगा। लेकिन हम यह देखकर आश्चर्यचकित हैं कि चाय और कॉफी सेहत पर एक-दूसरे से बिल्कुल अलग प्रभाव डालते हैं।"

मंगलवार, 1 जून 2010

चाय में दूध मिलाने से इसके सारे फायदे खत्म हो जाते हैं।

सुबह-सुबह उठने के बाद एक कप गर्म-गर्म चाय की सभी को तलब होती है। वैसे, ज्यादातर लोगों को अपनी चाय थोड़े दूध के साथ पसंद होती है। एक ताजा सुबह देने के साथ काम के बीच में या किसी से मिलने जाने पर भी चाय हमारा साथ देती है। लेकिन दूध वाली चाय पीने के शौकीनों के लिए बुरी खबर यह है कि चाय में दूध मिलाने से इसके सारे फायदे खत्म हो जाते हैं।

जर्मनी के एक शोध समूह ने अपने अध्ययन में पाया है कि सामान्य काली चाय के कुछ कप के फायदे इसमें दूध मिलाने के साथ ही खत्म हो जाते हैं। दरअसल, दूध में मौजूद कैसीन प्रोटीन, चाय के असर को कम कर देता है।

खाद्य-विशेषज्ञ नीति देसाई कहती हैं , 'एक हद तक यह बात सच है। जिस तरह हमारे यहां चाय बनाई जाती है, वह तरीका सही नहीं है। इसकी बजाय चाय को पहले बिना दूध के उबलाना चाहिए। अगर आप बिना दूध के चाय पसंद नहीं करते, तो चाय को कप में डालते वक्त इसमें दूध मिलाएं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि सादी काली चाय, दूध वाली चाय से बेहतर होती है।'

जड़ी-बूटी व हरी चाय के भी बहुत फायदे हैं और आमतौर पर लोग इन्हें बिना दूध के लेते हैं। हरी चाय, फैट मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है, जिसका मतलब हुआ कि इससे शरीर में चर्बी जल्दी पिघलती है। यह देखा गया है कि दिनभर में इसके तीन से पांच कप वजन कम करने में मदद करते हैं।

जड़ी -बूटी चाय मसलन, अदरक चाय, नींबू चाय, पिंपरमिंट चाय वगैरह पाचन क्रिया, पेट दर्द, अधसीसी, गठिया और अच्छी नींद दिलाने में रामबाण का काम करती है।