शोध के संबंध में डा. राव ने बताया कि फूल गोभी व बंध गोभी के अलावा मूली, शकरकंद, बांस के कोपल, सरसों, सेम व शलगम में थायोसायनेट पाया जाता है। इन भोज्य पदार्थो को ग्वायट्रोजेनिक फूड भी कहा जाता है।
राव ने कहा कि इनमें थायोसायनेट होने के कारण यह शरीर में आयोडीन के अवशोषण को रोकता है, जबकि आयोडीन की जरुरत शरीर के सभी कोशिकाओं को होती है। ऐसे में अगर लगातार कई महीनों तक दूसरी हरी सब्जियों का सेवन न कर केवल इन्हीं सब्जियों का सेवन किया जाता है तो शरीर को आयोडीन न मिलकर थायोसायनेट ही मिलता रहता है, जो शरीर के लिए हानिकारक होता है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि थायोसायनेट युक्त सब्जियों के सेवन में आयोडीन युक्त नमक का उपयोग करना चाहिए।
बन्दगोभी तो 1990 से खानी बन्द कर दी है!
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उपयोगी लेख है!
आपने तो चिंता में डाल दिया पाबला जी, क्योंकि फूलगोभी मेरे पसंदीदा सब्जी है।
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मन की गति से चलें...
बूझो मेरे भाई, वृक्ष पहेली आई।