मंगलवार, 11 जनवरी 2011

विदड्रॉल सिंड्रोम से जूझती फेसबुक पीढ़ी

वैज्ञानिकों ने नेट प्रेमी पीढ़ी के लोगों के बीच इस बात को देखने की कोशिश की है कि इनका इंटरनेट से दूर जाना क्या असर दिखाता है। इस बात के निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए शोध में शामिल लोगों से ई-मेल, टैक्स्ट मैसेज, फेसबुक, ट्विटर,मोबाइल फोन और आईपॉड से तकरीबन 24 घंटे दूर रहने को कहा गया और इसके बाद इन लोगों में जो लक्षण देखे गए,वह काफी हद तक उसी तरह थे,जैसे नशे या धूम्रपान की लत छोड़ने वालों में देखे जाते हैं।


इसे जानकारों ने ‘विदड्रॉल सिंड्रोम’ नाम दिया है। शोधकर्ताओं के अनुसार इन लोगों में सिर्फ मानसिक ही नहीं शारीरिक तौर पर भी विदड्रॉल सिंड्रोम देखने में आया है। इन लोगों से जब उनकी अवस्था के बारे में पूछा गया तो कुछ ने ड्रग्स छोड़ने की आदत जैसा तो कुछ ने डाइटिंग पर जाने की तरह महसूस होने की बात कही।

शोधकर्ता इन बातों को न्यूरोलॉजिस्ट्स और साइकोलॉजिस्ट्स द्वारा लंबे समय से बताए जा रहे इंटरनेट,कंप्यूटर गेम्स और सोशल नेटवर्किग साइट्स के होने वाले दुष्प्रभावों से जोड़कर देख रहे हैं। विशेषज्ञ इसे ‘नेट जनरेशन’ का नाम देते हैं, जो टीनएज और युवा वय लोगों से बनी है।