रविवार, 31 अक्तूबर 2010

मर्द घर में खुशी-खुशी बैठने को राजी: महिलाएं दफ्तर का काम संभाल रहीं

एक ताजा सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन के अधिकतर मर्द घर में खुशी-खुशी बैठने को राजी हैं जबकि महिलाएं दफ्तर का काम संभाल रही हैं। जी हां, ब्रिटेन की एक तिहाई महिलाएं न सिफ घर का खर्च चला रही हैं बल्कि उन्हें पुरूषों से ज्यादा तनख्वाह भी मिल रही है। एक हजार से ज्यादा ब्रिटनेवासियों पर किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 86 फीसदी पुरूषों को इससे को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी बीवी या गर्लफ्रैंड उनसे ज्यादा कमा रही हैं। उनके लिए तो यह बेहद सुखद अनुभव है।



उल्लेखनीय है कि कार का बीमा करने वाली एक कंपनी शिलाज व्हील्स ने एक सर्वे किया जिसका नाम था "वर्किग वुमन"। इसमें पाया गया कि 29 फीसदी महिलाएं अपने घर में ज्यादा कमाई कर रही हैं। 1960 के दौर में ब्रिटेन में सिर्फ चार फीसदी औरतें ही घर में अधिक तनख़्वाह लाती थीं पर आज के दौर में इसमें काफी बदलाव आया है।

सर्वे के अनुसार 44 प्रतिशत पुरूष अपनी मर्जी और खुशी से घर पर बैठने को तैयार हैं और उन्हें घर के काम करने में कतई ऎतराज नहीं है। यही नहीं उन्हें अपने हमराही को घर का मुखिया बनाने से भी संकोच नहीं है जो घर के लिए कमाई करे। 54 फीसदी मर्द अपने पार्टनर के कॅरियर के लिए खुद के कॅरियर की तिलांजलि देने के लिए भी तैयार हैं।

शुक्रवार, 29 अक्तूबर 2010

फर्राटेदार अंग्रेजी नहीं है सम्मान की गारंटी

यदि आप यह सोचते हैं कि केवल अंग्रेजी बोलने से ही आपको सम्मान मिलेगा तो आप शायद गलत हैं। दैनिक भास्कर डॉट कॉम के देश के 17 शहरों में कराए गए सर्वे में 65 फीसदी लोगों ने यह विचार व्यक्त किए हिंदी दिवस पर कराए गए इस सर्वे ने आम हिंदुस्तानी के मन में बरसों से बैठी इस मान्यता को ध्वस्त कर दिया है कि केवल फर्राटेदार अंग्रेजी बोलना ही कहीं भी आपको सम्मान दिलाने की गारंटी बन सकता है।



हालांकि, सर्वे में चौंकाने वाली यह बात भी निकल कर आई है कि 70 फीसदी लोग विभिन्न सरकारी और निजी कामों के दौरान भरे जाने वाले फॉर्म में हिंदी का विकल्प होने के बावजूद अंग्रेजी का इस्तेमाल करते हैं। दिल्ली, मुंबई लखनऊ के अलावा मप्र, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा में हुए इस सर्वे में 2170 से अधिक लोगों ने भागीदारी की।

इसी तरह एक अन्य प्रश्न के जवाब में अधिकांश लोग बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए उच्च शिक्षा में भी हिंदी को एक विषय के रूप में रखने के पक्ष में हैं। 57 फीसदी लोगों ने इसमें सहमति जताई है जबकि 25 फीसदी लोग हिंदी को प्राइमरी स्कूल तक ही रखने के पक्ष में हैं।

मीडिया पर हिंदी को विकृत करने के आरोप के प्रश्न पर लगभग 48 फीसदी लोगों का मानना है कि इसी बहाने कम से कम हिंदी का प्रसार तो हो रहा है। जबकि 27 फीसदी लोग कहते हैं कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है कि हिंग्लिश का प्रयोग बढ़ रहा है। हालांकि 20 फीसदी लोग इसे बेहद खराब मानते हैं।

सर्वे में उभर कर आया है कि हिंदी को सर्वाधिक लोकप्रिय बनाने में मीडिया के साथ बॉलीवुड की बहुत बड़ी भूमिका है। हिंदी के प्रसार में सरकारी प्रयासों को लोग लगभग नगण्य मानते हैं। 38 फीसदी लोग मीडिया को और 52 फीसदी लोग बॉलीवुड को हिंदी के प्रसार और विस्तार के लिए जिम्मेदार मानते हैं।

इसी तरह देश में अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या में खासी बढ़ोतरी के बावजूद हिंदुस्तानी बड़े शोरूम, होटलों या हवाई अड्डे के काउंटर पर पूछताछ करने के लिए बेझिझक हिंदी का ही इस्तेमाल करते हैं। लगभग 52 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें ऐसी जगहों पर हिंदी के प्रयोग में शर्म नहीं आती। जबकि 26 प्रतिशत का कहना है कि वे अंग्रेजी को ही तज्‍जच्चो देते हैं।

मंगलवार, 26 अक्तूबर 2010

महिलाओं ने माना कि दुष्कर्म के लिए बलात्कारी से ज्यादा, पीड़ित महिला जिम्मेदार

ब्रिटेन में किए गए एक सर्वे में चौंकाने वाले परिणाम सामने आए हैं। सर्वे में शामिल 54 फीसदी महिलाओं का मानना है कि दुष्कर्म के लिए दुष्कर्मी से ज्यादा, पीड़ित महिला जिम्मेदार होती हैं। यह सर्वे 18 से 24 साल की एक हजार महिलाओं के बीच किया गया है। इनमें 24 फीसदी महिलाओं का कहना है कि शॉर्ट स्कर्ट पहनने के चलते दुष्कर्मी उनकी तरफ आकर्षित होता है और उसका मनोबल बढ़ता है। इन महिलाओं का यह भी कहना है कि दुष्कर्मी के साथ ड्रिंक और उसके साथ बातचीत करना भी उसको दुष्कर्म के लिए उकसाता है। इसलिए ये महिलाएं पीड़ित को दुष्कर्म के लिए जिम्मेदार ठहराती हैं।


लगभग 20 फीसदी महिलाओं का मानना है कि अगर पीड़ित दुष्कर्मी के घर जाती है तो वह कहीं ना कहीं दुष्कर्म के लिए जिम्मेदार होती है। लगभग 13 फीसदी महिलाओं ने कहा कि दुष्कर्मी के साथ उत्तेजक डांस और उसके साथ फ्लर्ट करना भी दुष्कर्म के लिए थोड़ा बहुत उत्तरदायी है।

इस सर्वे में एक और दिलचस्प बात सामने आई है कि एक तिहाई पुरुषों ने दावा किया है कि अगर अपने पार्टनर की इच्छा के खिलाफ वह सेक्स करते हैं, तो इसे वे दुष्कर्म मानने के लिए तैयार नहीं है। सर्वे में एक और बात सामने आई है कि लगभग 20 फीसदी महिलाएं तो दुष्कर्म की रिपोर्ट ही नहीं करती है। ये महिलाएं शर्म के चलते ऐसा नहीं करती हैं। चौंकानेवाली बात यह कि सरकार के तमाम दावों के बावजूद ब्रिटेन में सिर्फ 14 फीसदी दुष्कर्म मामलों में ही सजा मिल पाती है।

इस संबंध में बीबीसी की रिपोर्ट पढ़ी जा सकती है

सोमवार, 25 अक्तूबर 2010

महिलाओं की बजाए पुरूष ज़्यादा झूठ बोलते हैं!

ऐसा अक्सर सुना जाता है कि पुरुष ज्यादा झूठ बोलते हैं, जबकि महिलाएं ज्यादा रोती हैं। एक नए अध्ययन में भी इस बात का दावा किया गया है कि पुरुष दिन में छह बार झूठ बोलते हैं। वे महिलाओं की तुलना में दोगुना झूठ बोलते हैं। 'डेली मेल' में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्तायों ने अपने अध्ययन में यह पाया है कि पुरुष अपने पार्टनर, बॉस और सहकर्मियों से दिन भर में औसतन छह बार झूठ बोलते हैं। महिलाएं केवल तीन बार ही झूठ बोलती हैं। यह अध्ययन लगभग 2,000 लोगों पर किए गए सर्वे पर आधारित है।

इसमें यह भी बताया गया है कि पुरुष और महिलाओं द्वारा बोला जाने वाला एक आम झूठ यह है कि 'सब कुछ ठीक है। मैं बिल्कुल ठीक हूं।' अध्ययन के मुताबिक, पुरुष अपने प्रेम प्रसंगों को लेकर ज्यादा झूठ बोलते हैं, जबकि अधिकतर महिलाएं खरीदारी के दौरान की गई खरीदारी के बारे में सच बोलने से कतराती हैं। 83 प्रतिशत युवाओं (पुरुष, महिला दोनों) का यह कहना था कि वे यह आसानी से बता सकते हैं कि उनका साथी झूठ बोल रहा है अथवा नहीं।

शारीरिक भाषा विशेषज्ञ रिचर्ड न्यूमैन ने कहा कि ज्यादातर लोग संकेतों को नहीं भांप पाते हैं। उनका यह अनुमान है कि अगर कोई सच छिपा रहा है तो वह व्यक्ति अपना चेहरा छिपाने की कोशिश करेगा और नजरें नहीं मिलाएगा। दरअसल, हकीकत इसके ठीक उलट है। झूठ बोलने वाला आदमी आपको यह यकीन दिलाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाता है कि वह जो बोल रहा है वह बिल्कुल सत्य है। वह सामने वाले से नजरें मिलाकर बात करता है। ऐसे में सामने वाला व्यक्ति धोखा खा जाता है और उसकी बातों पर यकीन भी कर लेता है।

रविवार, 24 अक्तूबर 2010

किस वजह से पुरुष अपनी सास से डरते हैं?

आखिर किस वजह से पुरुष अपनी सास से डरते हैं? सुनने में अजीब लगे लेकिन एक सर्वे के मुताबिक, उन्हें इस बात का डर रहता है कि एक दिन उनकी जीवनसाथी भी उनकी सास की तरह दिखने लगेगी। सर्वे के मुताबिक, पुरुष के जीवन में संबंधों को लेकर यह काफी बड़ा डर होता है। कई लोगों के लिए सास का दुख, कभी गर्लफ्रेंड नहीं होने के दुख से भी बड़ा होता है। एक जानी मानी बीयर कंपनी ने इस सर्वे में 2,000 लोगों की राय ली।

सर्वे में पाया गया कि केवल 12 फीसदी मर्दों को अकेलेपन का भय सताता है जबकि 11 फीसदी लोगों की चिंता लड़की से चैटिंग को लेकर थी।

डेली एक्सपेस में छपी एक खबर में मानवीय रिश्तों के जानकार जो बारनेट ने कहा कि आपको मालूम करना है कि आपकी गर्लफ्रेंड भविष्य में कैसी लगेगी तो उसकी मां से मिलिए। अगर वह दुबली पतली है लेकिन उसकी मां मोटी है, तो फिर गर्लफ्रेंड के भी मोटे होने के पूरे आसार रहते हैं।

शनिवार, 23 अक्तूबर 2010

दोपहर के वक्त महिलाओं से बहसबाजी पुरुषों को भारी पड़ती है

एक सर्वेक्षण से पता चला है कि दोपहर के वक्त महिलाओं से बहसबाजी पुरुषों को भारी पड़ सकती है। लोगों के मूड पर किए गए एक सर्वेक्षण के नतीजों पर यकीन करें, तो पुरुषों को यह सलाह अमल में जरूर लाना चाहिए वरना उन्हें महिलाओं से मात खानी पड़ सकती है। अध्ययन के नतीजों में यह भी कहा गया है कि यदि महिलाएं पुरुषों से कुछ कहना चाहती हैं तो उन्हें शाम के 6 बजे तक इंतजार करना चाहिए क्योंकि उस वक्त पुरुष अपने करीबी लोगों की मुराद पूरी करते हैं।



कई दिलचस्प नतीजे देने वाली इस अध्ययन में ब्रिटेन के 1000 पुरुषों और महिलाओं को शामिल किया गया था। अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि जब किसी महिला को तनख्वाह में इजाफे या प्रोमोशन की बात अपने बॉस से कहनी हो तो वह यह काम सुबह में न कर दोपहर एक बजे करें। इस वक्त महिला की मुराद पूरी होने की ज्यादा संभावना रहती है। नतीजों के मुताबिक, दोपहर एक बजे के बाद का समय ऐसा होता है जब मैनेजर अपने कर्मचारियों की मांग के प्रति बहुत उदार होता है।

डेली मेल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाएं यह जानकर काफी खुश होंगी कि मूड में होने वाले उतार-चढ़ाव से सिर्फ वहीं पीड़ित नहीं हैं बल्कि ऐसा पुरुषों में भी देखा जाता है।

सोमवार, 11 अक्तूबर 2010

वे कौन सी चीजें हैं जिनसे किसी महिला को खूबसूरत माना जाता है?

एक नई अध्ययन रिपोर्ट में बताया गया है कि वे कौन सी चीजें हैं जिनसे लगभग सभी संस्कृतियों में किसी महिला को शारीरिक तौर पर खूबसूरत माना जाता है। रिपोर्ट के मुताबिक, महिलाओं की सुंदरता के ये अहम पैमाने हैं जवां लुक, लंबाई, पतली छरहरी कमर और लंबी बांहें हैं।


न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी, हॉन्गकॉन्ग पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी और तियानजिन पॉलिटेक्निक यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों की एक इंटरनैशनल टीम ने इस बारे में अध्ययन किया। टीम ने दावा किया है कि शरीर की बनावट से महिलाओं की सुंदरता को आंकने से जुड़ी यह अब तक की सबसे बड़ा अध्ययन है।

अध्ययन में शामिल प्रोफेसर रॉब बूक्स ने कहा कि सुंदरता को लेकर की गई ज्यादातर अध्ययन धड़, कमर और नितंबों के आकार के आकलन पर ही आधारित रहे हैं। लेकिन हमने अपने अध्ययन में पाया है कि बांहों की लंबाई और आकार भी सुंदरता के मामले में एक बड़ा पैमाना हैं। यह पूरे शरीर की बनावट और वजन में एक तरह से चार चांद लगाने का काम करता है। इस अध्ययन में यह भी बताया गया है कि बीएमआई (बॉडी मास इंडेक्स) और एचडब्ल्यूआर (हिप-टू-वेस्टरेश्यो) किसी भी महिला में आकर्षण के सबसे बडे़ पैमानों में से हैं।

बुधवार, 6 अक्तूबर 2010

बीयर पीने से महिलायों को हो सकता है चर्मरोग

बीयर की दीवानी महिलाएँ सावधान हो जाइए क्योंकि एक नए अध्ययन में खुलासा हुआ है कि नियमित रूप से बीयर पीने से महिलाओं में चर्म रोग का खतरा 70 फीसदी तक बढ़ सकता है।


विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार कुल जनसंख्या के दो से तीन प्रतिशत लोग चर्म रोग से पीड़ित हैं। इस रोग में त्वचा पर लाल चकत्ते पड़ जाते हैं, जिसमें जलन होती है।

‘लाइवसाइंस’ की खबर के मुताबिक, हमेशा से माना जाता है अल्कोहल पीने वालों पर इस रोग का खतरा मंडराता है। इसी संबंध का पता लगाने के लिए डॉक्टर अबरार ए कुरैशी के नेतृत्व किया गया।