एक ताजा सर्वे में यह खुलासा हुआ है कि ब्रिटेन के अधिकतर मर्द घर में खुशी-खुशी बैठने को राजी हैं जबकि महिलाएं दफ्तर का काम संभाल रही हैं। जी हां, ब्रिटेन की एक तिहाई महिलाएं न सिफ घर का खर्च चला रही हैं बल्कि उन्हें पुरूषों से ज्यादा तनख्वाह भी मिल रही है। एक हजार से ज्यादा ब्रिटनेवासियों पर किए गए एक सर्वेक्षण से पता चला है कि 86 फीसदी पुरूषों को इससे को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनकी बीवी या गर्लफ्रैंड उनसे ज्यादा कमा रही हैं। उनके लिए तो यह बेहद सुखद अनुभव है।
उल्लेखनीय है कि कार का बीमा करने वाली एक कंपनी शिलाज व्हील्स ने एक सर्वे किया जिसका नाम था "वर्किग वुमन"। इसमें पाया गया कि 29 फीसदी महिलाएं अपने घर में ज्यादा कमाई कर रही हैं। 1960 के दौर में ब्रिटेन में सिर्फ चार फीसदी औरतें ही घर में अधिक तनख़्वाह लाती थीं पर आज के दौर में इसमें काफी बदलाव आया है।
सर्वे के अनुसार 44 प्रतिशत पुरूष अपनी मर्जी और खुशी से घर पर बैठने को तैयार हैं और उन्हें घर के काम करने में कतई ऎतराज नहीं है। यही नहीं उन्हें अपने हमराही को घर का मुखिया बनाने से भी संकोच नहीं है जो घर के लिए कमाई करे। 54 फीसदी मर्द अपने पार्टनर के कॅरियर के लिए खुद के कॅरियर की तिलांजलि देने के लिए भी तैयार हैं।
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
जवाब देंहटाएंप्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (1/11/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com
विकास की दिशा बदल गयी है -रामराज्य आने वाला है !
जवाब देंहटाएंआजकल महिलाओं का ही ज़माना है!
जवाब देंहटाएंयह रचना आजके परिवेश में कुछ हद तक सही लगी|पर हिन्दुस्तान का सर्वे करने पर ही सच्चाई का पता लगेगा जहां महिलाएं घर और बाहर दोनो सम्हाल रही हें |
जवाब देंहटाएंआशा
सचमुच बदलाव तो आ रहा है....आभार जानकारी के लिए
जवाब देंहटाएंवह दिन भी क्या दिन होंगे :):)
जवाब देंहटाएं