शनिवार, 25 जनवरी 2014

फेसबुक है प्लेग जैसी बीमारी: 2017 तक हो जाएगी ख़त्म

अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक समूह का कहना है कि तीन साल में फेसबुक अपने 80 फीसदी उपयोगकर्ता खो देगी और बहुत जल्द "ब्यूबॉनिक प्लेग" जैसी खतरनाक बीमारी की तरह इसका भी जड से खात्मा हो जाएगा।

एक अखबार के मुताबिक, प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने फेसबुक की लत की तुलना प्लेग की बीमारी से की है। उनका दावा है कि फेसबुक खतरनाक संक्रामक बीमारी की तरह फैली लेकिन अब लोग फेसबुक के प्रति आकर्षण कम होने लगा है, या यूं कहा जाए कि फेसबुक के प्रति एक किस्म की इम्युनिटी लोगों में आ गई है। उनके मुताबिक, 2017 तक फेसबुक को ज्यादातर लोग छोड देंगे। 

4 फरवरी को ही फेसबुक को 10 साल पूरे हो रहे हैं। 


गूगल सर्च में फेसबुक को कितनी बार टाइप किया जाता है, इस आधार पर शोधकर्ता जॉन कैनरेला और जोशुआ स्पेचलर ने यह अनुमान लगाया है। उन्होंने पाया कि दिसंबर 2012 के मुकाबले फेसबुक सर्च में कमी आई है। 

शोधकर्ताओं के शोध पत्र के मुताबिक, "बीमारी जैसी चीजें संक्रमण की तरह लोगों में फैलती हैं, लेकिन एक समय ऎसा आता है कि उनकी मौत हो जाती है। इन को महामारी विज्ञान के मॉडल की तरह समझा जा सकता है। फेसबुक यूजर्स के ताजा आंकडे अक्टूबर में जारी हुए थे।

इसके मुताबिक सोशल साइट को करीब 120 करोड लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि कंपनी के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डेविड एबर्समैन ने माना है कि पिछले तीन महीनों में उनके उपयोगकर्ता, खास तौर से किशोर उपयोगकर्ताओं की संख्या घटी है। 

वेब जानकारों के मुताबिक, फेसबुक के डेस्कटॉप ट्रैफिक में कमी की एक वजह यह भी हो सकती है कि लोग अब मोबाइल पर इंटरनेट इस्तेमाल करने लगे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, 87 लाख लोग अपने स्मार्टफोन से हर महीने फेसबुक इस्तेमाल करते हैं। इसलिए गूगल पर उन्हें फेसबुक टाइप करने की जरूरत नहीं पडती।

5 टिप्‍पणियां:

  1. शोध ने बहुत से सवालों के जवाब नहीं दि‍ए. फुस्‍स है.

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. काजल सर... अब तो सभी सवालो के जवाब मिल ही रहे होगे.. क्यों की आप ने अपने कार्टून के माध्यम से एक जवाबो का पिटारा तिकालते रहते है

      हटाएं
  2. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    --
    गणतन्त्रदिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
    जय भारत।
    भारत माता की जय हो।

    जवाब देंहटाएं
  3. आप की भविष्य वाणी एक दम सत्य होते दिखाई दे रही है .... अब तो लिखने पड़ने का मन ही नहीं करता... वैसे याद बहुत आएगी फेसबुक की !!! ;)

    जवाब देंहटाएं