जर्मनी के एक शोध समूह ने अपने अध्ययन में पाया है कि सामान्य काली चाय के कुछ कप के फायदे इसमें दूध मिलाने के साथ ही खत्म हो जाते हैं। दरअसल, दूध में मौजूद कैसीन प्रोटीन, चाय के असर को कम कर देता है।
खाद्य-विशेषज्ञ नीति देसाई कहती हैं , 'एक हद तक यह बात सच है। जिस तरह हमारे यहां चाय बनाई जाती है, वह तरीका सही नहीं है। इसकी बजाय चाय को पहले बिना दूध के उबलाना चाहिए। अगर आप बिना दूध के चाय पसंद नहीं करते, तो चाय को कप में डालते वक्त इसमें दूध मिलाएं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि सादी काली चाय, दूध वाली चाय से बेहतर होती है।'
जड़ी-बूटी व हरी चाय के भी बहुत फायदे हैं और आमतौर पर लोग इन्हें बिना दूध के लेते हैं। हरी चाय, फैट मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है, जिसका मतलब हुआ कि इससे शरीर में चर्बी जल्दी पिघलती है। यह देखा गया है कि दिनभर में इसके तीन से पांच कप वजन कम करने में मदद करते हैं।
जड़ी-बूटी व हरी चाय के भी बहुत फायदे हैं और आमतौर पर लोग इन्हें बिना दूध के लेते हैं। हरी चाय, फैट मेटाबॉलिज्म बढ़ाती है, जिसका मतलब हुआ कि इससे शरीर में चर्बी जल्दी पिघलती है। यह देखा गया है कि दिनभर में इसके तीन से पांच कप वजन कम करने में मदद करते हैं।
जड़ी -बूटी चाय मसलन, अदरक चाय, नींबू चाय, पिंपरमिंट चाय वगैरह पाचन क्रिया, पेट दर्द, अधसीसी, गठिया और अच्छी नींद दिलाने में रामबाण का काम करती है।
aapka blog bahut badiya hain .shukriya. prasad A.p
जवाब देंहटाएंयह तो पता ही नहीं था ..
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