सर्वे के अनुसार, पुरुष गलत मार्गों पर चले जाने की वजह से एक साल में 445 किलोमीटर (276 मील) फ़ालतू में चलते हैं. इसमें से एक चौथाई पुरुष सही दिशा पूछने के लिए कम से कम आधे घंटे का इंतजार करते हैं, जबकि 12 प्रतिशत के लिए तो दिशा के बारे में पूछना शान के खिलाफ़ है।
डेली मेल की खबर के मुताबिक, गलत दिशा में भटक जाने की वजह से एक पुरुष को पूरे जीवनकाल में, पेट्रोल जैसे ईंधन में ही दो हजार पाउंड (डेढ़ लाख रूपए) का चूना लग जाता है. इसके विपरीत महिलाएं गलत दिशा में भटकने से एक साल में करीब 412 किलोमीटर (256 मील) बेकार में चलती हैं.
शीलास व्हील्स कार इनश्योरेंस में एक दिलचस्प बात यह सामने आई है कि सभी चालकों में से 34 प्रतिशत, पुरूष की बजाए महिला से सही दिशा के बारे में पूछते हैं। सर्वे में पाया गया कि करीब 74 प्रतिशत महिलाओं को दिशा पूछने में कोई पछतावा नहीं है। वहीं 40 फ़ीसदी पुरुषों ने कहा कि अगर उन्होंने किसी अजनबी से दिशा के बारे में पूछा तब भी हमेशा उन पर विश्वास नहीं किया।
शीलास व्हील्स कार इनश्योरेंस में एक दिलचस्प बात यह सामने आई है कि सभी चालकों में से 34 प्रतिशत, पुरूष की बजाए महिला से सही दिशा के बारे में पूछते हैं। सर्वे में पाया गया कि करीब 74 प्रतिशत महिलाओं को दिशा पूछने में कोई पछतावा नहीं है। वहीं 40 फ़ीसदी पुरुषों ने कहा कि अगर उन्होंने किसी अजनबी से दिशा के बारे में पूछा तब भी हमेशा उन पर विश्वास नहीं किया।
यह जिस देश का सर्वे हैं वहाँ तो आदमी सड़कों पर होता नहीं तो कौन किससे पूछेगा? भारत में तो हाइवे पर अधिकतर पुरुष ही चलते हैं तो यह सर्वे यहाँ के लिए तो होगा नहीं।
जवाब देंहटाएंये बात तो सही है कि अनजान जगह पर पूछने में देरी के कारण वाहन का पेट्रोल ज्यादा जलता है।
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